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दरगाह साबिर पाक में 755 साल का पुराना टुटा रिकॉर्ड, फर्जी सज्जदा और दरगाह प्रबंधक दरगाह की आस्था को करते तार तार
ब्यूरो रिपोर्ट : 24 पब्लिक न्यूज़
रुड़की। पीरान कलियर विश्व प्रसिद्ध दरगाह हज़रत साबिर पाक का सालाना 756 वां उर्स मेला सहकुशल संपन्न तो हो गया देश विदेश से आये ज़ायरीनो ने अपनी अपनी मन्नते मुरादें मांगकर रूहानी फैज से मालामाल होकर अपने अपने मंजिल पर पहुंच गए लेकिन फर्जी सज्जदा और कुछ फर्जी ख़ादिमो व दरगाह प्रबंधक ने इस उर्स मेले में नये रस्मे शुरू करके दरगाह की आस्था को तार तार करने में कोई कोर कसर नहीं छोडी हैं अपने आपको सज्जदा नशीन बताने वाले ने एक फर्जी सज्जदा ने तो ज़ायरीनो को गुमराह करने के लिये ऐसा कारनामा कर दिया जो 755 साल में कभी नहीं हुआ इस साल कर दिखाया इस फर्जी सज्जदा ने फर्जी गूलर की शाख ( गूलर की ठहनी ) को ज़ायरीनो को दिखाकर इस तरह गुमराह किया की लोगों को विश्वास हो जाए की यह वोही गूलर की शाख हैं जिसको साबिर पाक ने 12 तक पड़कर खड़े होकर इबादत की यह वोही शाख हैं इस फर्जी सज्जदा ने ज़ायरीनो को फर्जी गूलर की शाख दिखकर लोगों गुमराह करके खूब नजराने भी लिये ऐसे फर्जी पाखंडियो लोगों का जमावडा बाठता जा रहा है। कहा जाता हैं की दरगाह की आस्था और परम्पराओ को बनाए रखना दरगाह प्रशासन की जिम्मेदारी हैं लेकिन वही दूसरी ओर दरगाह प्रबधक रजिया ने भी दरगाह कार्यालय में फर्जी ख़ादिमो के साथ मिलकर गद्दी सजाकर मेहफ़िल में वोह शमा बधा जो आज तक कोई सुफिए इकराम नहीं बध सके दरगाह प्रबंधक का गद्दी पर बैठकर कर्मचारियों और फर्जी ख़ादिमो से नजरने लेते हुए सोशल मिडिया पर वायरल हो रहा वीडियो क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ हैं वीडियो चर्चा का विषय हो भी क्यों नहीं दरगाह प्रबंधक रजिया ने जो कारनामा कर दिखया हैं वोह भी 755 साल में पहले कभी नहीं हुआ हैं रजिया मैडम मोहतरमा अपने आपको किसी सज्जदा या सूफ़ी से कम नहीं समझ रही समझ भी क्यों ना जब दो साल के अपने कार्यकाल में दरगाह प्रबधक रजिया ने फर्जी ख़ादिमो से साठगाठ कर अपने आपको गद्दी नशीन तो कायम किया हैं। दरगाह परिसर में आए दिन बाठती फर्जी परंपराओ का जिम्मेदार कौन अपने आपको दरगाह हितेसी बताने वाले भी कुंभ करणी नीद सो रहे हैं सोए भी क्यों नहीं दरगाह हितेसीयों को दरगाह परंपराओ से कोई लाभ नहीं मिलना वाला हैं क्यों हितेसियो को अगर कोई लाभ पहुँचता हैं तो वोह हैं दरगाह में होने वाले ठेके या दरगाह की जमीन है इन दो जगह से ही हितेसियो का भला हो सकता हैं जहा पर दरगाह हितेसी जोर जोर से शोर करते हैं बाकी दरगाह में हो क्या रहा इस सब से दरगाह हितेसियो को कोई लेना देना नहीं हैं दरगाह साबिर पाक में बाठती फर्जी परमपराए और फर्जी ख़ादिमो की फौज को बढ़ावा देने में दरगाह प्रशासन से लेकर दरगाह हितेसी नेताओं का भरपूर योगदान हैं।
