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कलियर नगर पंचायत के झंडा चौक पर लगा झंडा फटा हुआ लहरा रहा है राष्ट्रीय ध्वज का हो रहा अपमान शासन प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधि तक को नहीं आ रहा नजर।
ब्यूरो रिपोर्ट: 24 पब्लिक न्यूज़।
पिरान कलियर नगर पंचायत के झंडा चौक पर लगा झंडा फटा हुआ लहरा रहा है जो किसी भी क्षेत्रय जनप्रतिनिधि को नजर नहीं आ रहा।और ऐसा नहीं है कि यहां कोई आता जाता ना हो इस चौक से सुबह शाम शासन प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधि तक का कई बार आना जाना होता है।लेकिन उसके बावजूद भी देश के सम्मान में लगा हुआ राष्ट्रीय ध्वज फटा हुआ किसी को भी नजर नहीं आ रहा है।वही आपको बता दे की कुछ दिन पहले भी यह झंडा फटा हुआ लहरा रहा था जो की मीडिया में खबर चलने के बाद इसको बदल दिया गया था।लेकिन कुछ महीने बाद फिर से यह झंडा फट गया है आखिर इसमें किस तरह की सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है जो महीने दो महीने में ही झंडा फट जाता है।वही देश के मान-सम्मान के दावे करने वाले जनप्रतिनिधि और अधिकारी राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान को लेकर कितने बेपरवाह हैं। उसका जीता जागता उदाहरण पिरान कलियर नगर पंचायत के झंडा चौक पर दिखाई दे रहा है। देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहूति देने वाले वीरों ने कभी भी नहीं सोचा होगा की देश की आन-बान-शान जिस तिरंगे के लिए वे अपने प्राण निछावर कर रहे हैं उनके ही देश में तिरंगे झंडे की इतनी दुर्दशा होगी। सरे आम राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया जाएगा वह भी कस्बे के बीचों बीच चौराहे पर।आपको बता दें कि पिरान कलियर में कुछ महीनो पहले नगर पंचायत की ओर से प्रस्ताव कर पीपल चौक का नाम बदलकर एपीजे अब्दुल कलाम चौक / झंडा चौक कर दिया गया था। और साथ ही लाखो रुपए खर्च कर जब इसका निर्माण किया जा रहा था तब भी घटिया सामग्री लगने की वजह से झंडे की सेफ्टी दीवार पहली बारिश में ही टूट गई थी।जिसे ठेकेदार द्वारा आनं फानन में तैयार कर उसे पर रंग रोगन कर दिया गया था ओर 105 फीट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज लगाकर उसका लोकार्पण किया गया था। जिसमे राजनीतिक दलों के नेताओं नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि और पूर्व नगर पंचायत ईओ समेत अन्य राष्ट्र भक्तों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था। और झंडे की देखभाल की जिम्मेदारी खुद नगर पंचायत ने अपने पास ली हुई थी। सरेआम तिरंगे का अपमान कुछ महीनो बाद ही तिरंगा झंडा क्षतिग्रस्त हो गया। लेकिन हैरानी की बात यह है कि इस चौराहे से रोजाना हजारों की संख्या में राहगीर गुजरते हैं। क्षतिग्रस्त राष्ट्रीय ध्वज को देखकर राहगीर मौन होकर वहां से नीची लगाकर निकल जाते है।
